Saturday, April 4, 2020

मानव का आत्मा

 मानव का आत्मा एक ऐसी मिलिनियम मेमरी है।  एक गहरी सोच जिसमे हजारो जन्मो की कहानी से ओतप्रोत है।  कोई यहाँ किसी को कोई ज्ञान दे नहीं सकता क्यों की सब ज्ञानधारी है , बस उस पर परदा पड़ा हुवा है। अब सब की अपनी अपनी याद  करने की शक्ति है। उस प्रकार शिक्षक बस उस याद को खोजने की कोशिश कर सकता है। और उसके लिया विद्यार्थी और शिक्षक आमने सामने रहने की जरुरत नहीं वो केवल आत्मा से जुड़े होने चाहिए।  जैसे एकलव्य के सामने कोई प्रत्यक्ष गुरु नहीं था, पर गुरु जैसे शक्ति का पक्का निश्चित ऐहसास था। वो थे द्रोणाचार्य गुरु जी। 

Sunday, March 29, 2020

मेंदु शास्त्र से भी आगे का आत्माशास्त्र.......।

मै आत्मा हूँ।
                    मै ये शरीर नहीं हूँ। तुम जो मुझे ये जो भी समझते हो वो मै  नहीं हूँ। मै कभी जन्म लेता नहीं और न मेरी मौत होती कभी। ना मुझे जलाया जा सकता है , ना मुझे काटा  जा सकता है। मै  किसी को दिखाई नहीं देता  पर मै  हूँ जरूर जरूर। मै आत्मा हु। जबसे पृथ्वी , सूरज , चाँद ,तारे है तबसे मै  भी हूँ। मै वक्त हूँ। मै  समय हूँ। मैंने जब जब शरीर धारण किया है। तबसे मेरे शरीर द्वारा जो कर्म होते गए हर उस कर्म का फल मै आजतक भोग रहा हु। अंदाज से पिछले ५ हजार साल्से मै  जन्म अलग अलग शरीर में लेता रहता आया हूँ। परमात्मा के आदेश पर मै शरीर धारण करता हूँ। परमात्मा के आदेश पर हर एक जन्म में मुझे जो भी किरदार मिलता है उसे बड़ी ईमानदारीसे निभाने की कोशिश करता हूँ। और उसमे मै फल की अपेक्षा नहीं रखता। जो भी मिला वो परमात्मा का आशीर्वाद समज़कर उसे स्वीकार करता हूँ।
                    जब जब दुनिया में पाप बढ़ेगा ,पापी तथा दुरात्मायै बढ़ेगी ,कंस के भांति दुसरोको कष्ट देंगी तब तब परमात्मा ऐसी परिस्थिति निर्माण करेंगे जैसे आज की......। और उस पर उत्तरदाईत्व भी वो परमात्मा ही करेंगा। पर उस परमात्मा का एहसास तो होने दो। कुछ को ऐसा लगता है की वो जो ठहराएंगे , सोचेंगे वैसा ही होगा और होना चाहिए। पर उन्हें नहीं मालूम की सबसे बड़ी अदालत ऊपर वाले की है। वो मात्र  कुछ हजार आत्मा ओ की सोच ने ये पूरा शांति में तब्दील किया। 
               तो उस परमात्मा को ईसा करने पर मजबूर करनेवाली तमाम आत्माओ की सोच की ताकद को समझो। मै आत्मा शक्तिशाली हूँ। मुझे कोई नकारात्मक सोंच भेद नहीं सकती हैं। ये शास्त्र मेंदु शास्त्र से भी आगे का शास्त्र है।      


जीवन और आत्मा का सम्बद्ध

                              जीवन का  और आत्मा का बहुत ही गहरा ही संबध है। सच तो ये है की आत्मा एक लम्बी सी यात्रा पर निकल चुकी  है। आत्मा कभी भी थकती नहीं और नहीं कभी मरती नहीं और न तो कभी थबंती। और जीवन तो एक पन्ना है ,या फिर यूँ समझिय की एक अध्याय है। इसलिय एक बात बड़े ही ध्यान से सुनिय। जीवन एक लम्बा सा प्रवास है। 

Saturday, March 28, 2020

जीवन एक संघर्ष



जीवन और एक इंसान का बहुत ही संघर्ष से भरा होता है। अनुभवो की शृंखला ही होती है जीवन । यहा जीवन जीने की निश्चित ऐसी व्याख्या करने से जीवन का हमे अर्थ कोई क्या समज कर बताएगा वो तो बतानेवाले के अनुभव का एक जाखिला होता है। हर एक व्यक्ति के समान घटना पर अलग अलग अनुभवो का भंडार हो सकता है ।या फिर जीवन को  मृत्यु तक सीमित रख उस अनुभवो पर आधारित तथ्यो पर संचलित करना ,और उसको परिणाम पर खड़ा होना भी अन्याय हो सकता है। जीवन मे मृत्यु तो एक अध्याय है ऐसे अनेकों अध्याययो का जखीरा और उस पर होने वाले परिणामो को देखना और निष्कर्ष लगाना भी संपूर्ण जीवन का एक सार है।
   जीवन एक कभी भी खत्म न होने वाली गुत्थी है। मै अपने स्वानुभवों से और मेरे गुरु से प्राप्त ज्ञान पर आधारित जीवन रहस्यो को खोलने की कोशिश करूंगा।
   अगर आपको जीवन के कुछ रहस्यो को सुलजाना है तो सवाल भेज सकते है।